जय हिन्द न्यूज/जालंधर
भ्रष्टाचार विरोधी सोच वाली आम आदमी पार्टी की सरकार के शासनकाल के दौरान जालंधर जिले में सरकारी तंत्र के साथ मिलीभगत करके बहुकरोड़ीय ब्लैकमेलिंग स्कैंडल को अंजाम देने के मामले की जांच में जल्द ही बड़ा खुलासा होने जा रहा है।
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि घोटाले में गिरफ्तार जालंधर केंद्रीय विधानसभा हलके के विधायक रमन अरोड़ा व उनके ब्लैकमेलिंग तथा मनी लांड्रिग गिरोह के खिलाफ खुद उनका सरकारी पीए रोहित कपूर, पूर्व एसीपी सैंट्रल निर्मल सिंह समेत अन्य कई पुलिस व अन्य सरकारी अधिकारी सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गए हैं।
घोटाले के किंगपिन आरोपी विधायक रमन अरोड़ा के रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में भी काफी तथ्य सामने आ चुके हैं जिस आधार पर विजिलैंस ब्यूरो ने उनके पीए रोहित कपूर समेत उनकी सिफारिश पर तैनाती पर रहने वाले अन्य कई सरकारी अफसरों से पूछताछ करके फाइलें कब्जे में ले ली है।
माना जा रहा है कि अब चूंकि उनके करीबियों पर शिकंजा कसा जाना है जिन पर गिरोह में शामिल होने, ब्लैकमेलिंग करके रिश्वत का माल बटोरने में तथा उस ब्लैक मनी को ठिकाने लगाने या मनी लांड्रिंग करने में मदद की है। ऐसे में आरोपी विधायक रमन अरोड़ा के दोबारा रिमांड पर निगाहें टिक रही है।
सूत्रों का दावा है कि विजिलैंस ब्यूरो घोटाले के किंगपिन माने जा रहे गिरफ्तार आरोपी विधायक रमन अरोड़ा का इस आधार पर भी दोबारा रिमांड लेने की कोशिश करेगी कि कुछ लोग सरकारी गवाह बन गए हैं। इसी प्रकार उनके शिकार लोगों की ओर से रिकार्ड करवाई स्टैटमैंट्स को भी आधार बनाया जाएगा। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि इसी दौरान उनके कुड़म कहलवाने वाले राजू मदान की गिरफ्तारी शो कर दी जाएगी।
सूत्रों का दावा है कि पूछताछ या फिर आरोपियों की सूची में स्कैंडल के किंगपिन विधायक रमन अरोड़ा की पत्नी, बेटे, महेश मखीजा, मुंजाल, बांसल, खंडवाले, नंदलाल, संदीप, शर्मा, सेठ समेत करीब 20 लोगों को भी शामिल तफ्तीश करने की तैयारी चल रही है। इस दौरान किसी की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उसे भी नामजद किया जाएगा। अब निगाहें अगली रिमांड पेशी पर टिक गई है।